लॉकडाउन में सड़क पर सैकड़ों किलोमीटर चलकर अपने घर जा रहे मजदूरों को देख किसका कलेजा नहीं फट जाता होगा। अंतरात्मा झकझोरती है और भड़ास अंगूठे और अंगुलियों से निकलकर मोबाइल पर टाइप करते ही निकल जाती है। और फिर किया भी क्या जा सकता है? इस मुश्किल वक्त में लोगों ने अपने काम चुन लिए हैं। कुछ सिर्फ चीख रहे हैं तो वहीं कुछ जमीन पर उतरकर चुपचाप ऐसा काम कर रहे हैं, जिससे हजारों लोग अपने घर की दहलीज तक पहुंच चुके हैं। दूसरे लोगों में सबसे पहला नाम सोनू सूद का है।
रियल लाइफ में भगवान और सुपरहीरो बताया जा रहा है।सोनू सूद ने अमर उजाला के साथ विशेष बातचीत में बताया कि उन्हें जब प्रवासी मजदूरों के दर्द का पता चला तो उन्होंने मुंबई के सभी प्रवासियों को उनके घरों तक पहुंचाने का जिम्मा उठा लिया।
सोनू सूद ने इस मुहिम की शुरुआत कर्नाटक के तीन सौ लोगों से की। उसके बाद उत्तर प्रदेश, झारखंड, ओडिशा, बिहार सहित दूसरे राज्यों के अब तक बारह हजार लोगों को वो उनके घर भेज चुके हैं। सोनू कहते हैं कि जब तक एक-एक प्रवासी भाई अपने घर नहीं पहुंच जाता, तब तक उनकी ओर से चल रहा अभियान जारी रहेगा।
Doston aaj aap sab se is post ko share karne ka ek hi maksad ki jis tarah Mr. Sonu Sood ne dariyadili dikhai aur hajaro pravasiyo ki help usi tarah hame jeevan me manviye dharm ka palan Karna chahiye aur hamesa jaroratmando ki madad karni chahiye.
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